अंसारुल्लाह ने शुरू किया ‘चौथा चरण’, ग़ज़ा में भुखमरी से हालात बेहद गंभीर – दिन 660 की रिपोर्ट

दिन 660: अंसारुल्लाह ने इज़राइल के खिलाफ ‘चौथे चरण’ की घोषणा की। ग़ज़ा में भुखमरी और मानवीय संकट गंभीर स्तर पर, महिलाओं व बच्चों की स्थिति बेहद चिंताजनक।


ग़ज़ा/सना, 28 जुलाई 2025इज़राइल-फ़िलिस्तीन युद्ध के 660वें दिन पर हालात और भी भयावह हो चुके हैं। यमन स्थित सशस्त्र संगठन अंसारुल्लाह ने इज़राइल के खिलाफ अपने सैन्य अभियान को अब ‘चौथे चरण’ में प्रवेश देने की घोषणा कर दी है। यह निर्णय ग़ज़ा में जारी भुखमरी, नाकेबंदी और आम नागरिकों के बढ़ते जनसंहार के जवाब में लिया गया है।

ग़ज़ा में भुखमरी: हालात भयावह स्तर पर

ग़ज़ा में भुखमरी अब केवल मानवीय संकट नहीं, बल्कि एक रणनीतिक हथियार के रूप में इस्तेमाल हो रही है। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि इलाके में 59,733 लोग मारे गए हैं और 144,477 घायल हुए हैं। इनमें से अधिकांश महिलाएं और बच्चे हैं, जो सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं।

ग़ज़ा के अस्पतालों में बिजली, दवाइयों और चिकित्सा उपकरणों की भारी कमी है। लोग पीने के पानी और खाने के लिए तरस रहे हैं। बच्चों के लिए दूध पाउडर और बुनियादी खाद्य सामग्री की आपूर्ति लगभग बंद है। सीमित हवाई राहत वितरण को स्थानीय प्रशासन ने “नाटकीय ढोंग” करार दिया है।

अंसारुल्लाह का ‘चौथा चरण’: पश्चिम एशिया में तनाव चरम पर

अंसारुल्लाह (हूथी) ने चेतावनी दी है कि उनका ‘चौथा चरण’ पहले से अधिक सटीक और दूर तक मार करने वाले मिसाइलों और ड्रोन हमलों पर आधारित होगा। इस चरण में उनकी प्राथमिकता इज़राइली सैन्य और रणनीतिक ठिकानों को निशाना बनाना है।

उनका कहना है कि जब तक ग़ज़ा में महिलाओं और बच्चों का खून बहता रहेगा और जब तक नाकेबंदी जारी रहेगी, तब तक प्रतिरोध जारी रहेगा।

अंतरराष्ट्रीय चुप्पी और असहायता

दुनियाभर के मानवाधिकार संगठनों और संयुक्त राष्ट्र ने ग़ज़ा की स्थिति को लेकर चिंता जताई है, लेकिन अब तक कोई प्रभावी कार्रवाई नहीं हुई है। ग़ज़ा के लोग 660 दिनों से भूख, मौत और तबाही के बीच फंसे हुए हैं, और वैश्विक समुदाय केवल बयानबाज़ी तक सीमित है।

दिन 660: एक और भयावह पड़ाव

दिन 660 एक और दुखद पड़ाव बन गया है। इस दिन ने यह साफ कर दिया है कि अगर कोई बड़ा राजनैतिक और मानवीय हस्तक्षेप नहीं होता, तो यह युद्ध और भी लंबा और विनाशकारी होगा। अंसारुल्लाह का ‘चौथा चरण’ इस संघर्ष को एक नए मोड़ पर ले जा सकता है।

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