पटना, बिहार में जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर के खिलाफ दर्ज एफआईआर

प्रशांत किशोर के नेतृत्व में हुए विरोध प्रदर्शन पर एफआईआर, 2000 अज्ञात और 9 नामजद लोगों पर केस दर्ज पटना, बिहार – जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर के नेतृत्व में कल हुए विरोध प्रदर्शन को लेकर पुलिस ने सख्त रुख अपनाया है। पटना सिटी एसपी दीक्षा ने जानकारी देते हुए बताया कि इस प्रदर्शन के संबंध में एफआईआर दर्ज की गई है, जिसमें 2000 अज्ञात लोगों के साथ-साथ 9 नामजद व्यक्तियों को आरोपी बनाया गया है। एसपी दीक्षा ने कहा, “जो विरोध प्रदर्शन कल हुआ, उस पर कार्रवाई की गई है। इसमें प्रशांत किशोर के साथ-साथ कई अन्य लोग शामिल थे। प्रदर्शनकारी बार-बार मना करने के बावजूद निषिद्ध क्षेत्र में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे थे। उनके पास उस क्षेत्र में जाने की कोई अनुमति नहीं थी।” प्रशांत किशोर के नेतृत्व में निकाला गया यह जुलूस पहले से तय रूट का पालन नहीं कर रहा था। पुलिस द्वारा बार-बार रोके जाने और चेतावनी दिए जाने के बावजूद प्रदर्शनकारी आगे बढ़ते रहे। एसपी के अनुसार, प्रशासन द्वारा उन्हें स्पष्ट रूप से बताया गया था कि वे जिस स्थान पर जाना चाहते हैं, वह एक प्रतिबंधित इलाका है, जहां सुरक्षा कारणों से आम जनता का प्रवेश वर्जित है। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच हल्की झड़प भी हुई। इस दौरान कुछ लोगों ने नारेबाजी की और सरकारी आदेशों की अवहेलना की। पुलिस का कहना है कि इस घटना की वीडियो रिकॉर्डिंग की जा रही थी और अब इन वीडियो की मदद से प्रदर्शन में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। एसपी ने कहा, “वीडियो फुटेज के माध्यम से प्रदर्शन में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है। जल्द ही और लोगों की गिरफ्तारी की जाएगी। कानून अपना काम करेगा और किसी को भी नियमों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।” उधर, जन सुराज पार्टी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन सूत्रों के मुताबिक पार्टी इस मामले को राजनीति से प्रेरित बता रही है। प्रशांत किशोर पहले भी सरकार के खिलाफ अपनी बेबाक राय और अभियान के लिए सुर्खियों में रहे हैं। यह घटना आगामी विधानसभा चुनावों से पहले काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है, क्योंकि प्रशांत किशोर का जन सुराज अभियान प्रदेश में तेजी से विस्तार कर रहा है। ऐसे में प्रशासन और राजनीतिक दलों के बीच टकराव की स्थिति और गहराने की आशंका जताई जा रही है। पुलिस प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अनुमति दी जाती है, लेकिन कानून-व्यवस्था को भंग करने या प्रतिबंधित क्षेत्र में जबरन घुसने की इजाजत किसी को नहीं दी जा सकती। इस मामले में आगे की जांच जारी है

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